अखबार बांटने वाले लड़के (निर्णय दिल को छू गया)
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दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके में अखबार बांटने वाले लड़कों ने कल हमारे पैसे इसलिए लौटा दिए क्योंकि "अन्ना जी हमारे लिए ही तो लड़ रहे है". अखबारों में पर्चे डालकर बांटने के लिए पहले तो उन्होंने खूब मोलभाव किया. उनके कार्डिनेटर ने पैसे ले भी लिए. लेकिन हमारे आने के बाद उनकी बैठक हुई. तय करके फोन किया गया, "आपसे तो गलती से पैसे ले लिए गए, आप प्लीज़ ये हमसे वापस ले जाइए, हम इस काम के पैसे नहीं ले सकते क्योंकि अन्ना जी हमारे लिए ही तो लड़ रहे हैं" ये शब्द सुनकर आँखों में आंसू आ गए. अधिकतर लड़के अलसुबह चार बजे उठकर अखबार बाँटते हैं, फिर कालेज जाते हैं..........
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